रेलवे पटरी का लोहा कोई चोरी क्यों नहीं कर सकता हैं?

रेलवे पटरी का लोहा कोई चोरी क्यों नहीं कर सकता हैं(Why no one can steal the iron of railway track)?

Why-no-one-can-steal-the-iron-of-railway-track


दोस्तों रेलवे आमतौर पर एक सरकारी प्रॉपर्टी होती है और रेलवे को किसी भी प्रकार का नुकसान पहुंचाना अपने आप में ही एक शर्मसार कर देने वाली घटना है। लेकिन दोस्तों समाज के कुछ तत्व ऐसे भी होते हैं जो ऐसा करने में बिल्कुल भी कोई शर्म महसूस नहीं करते। तो दोस्तों उनके लिए रेलवे के पटरी का लोहा चोरी करना लगभग असंभव सा है। 

रेलवे की पटरी के लोहे की चोरी करना लगभग असंभव है इसके कुछ कारण हम आपको आज बताते हैं। यह कुछ कारण दिए गए हैं इनके अलावा भी अन्य कारण हो सकते हैं:

1. लोहे का वजन(iron weight):

दोस्तों आमतौर पर रेलवे पर लगी पटरी के लोहे का वजन बहुत अधिक होता है। रेलवे की पटरी को चुराने के लिए एक दो व्यक्ति से कुछ भी नहीं हो सकता उसके लिए अधिक लोगों की जरूरत पड़ेगी या फिर उन्नत किस्म की तकनीक की आवश्यकता होगी जो कि हर एक आदमी के पास उपलब्ध नहीं है और अगर उपलब्ध भी है तो तब तक अधिक लोग होने की सूरत में उनके ऊपर तक जा सकता है और रेलवे उनको पकड़ सकता है और बाद में तो आप सभी को पता ही है अगर सरकार किसी के पीछे पड़ जाए तो उसका बच पाना लगभग असंभव है।

2. लोहे का यार्ड मे होना:

वह तो आमतौर पर रेलवे लोहे की पटरियों को अपने यार्ड में रखता है या फिर रेलवे स्टेशन के आसपास ऐसी जगह बना दी जाती है ऐसे बड़े-बड़े स्टोरों बना दिए जाते हैं। जहां पर रेलवे के बहुत सारे उपकरण को सुरक्षित रखा जाता है। आमतौर पर लोहे की पटरी जब तक बाहर नहीं निकाली जाती जब तक उनको लगाना नहीं होता। तो दोस्तों रेलवे के yards से चोरी करना मुझे तो लगभग असंभव सा प्रतीत होता है।

3. Security Guards:

दोस्तों रेलवे हर साल बहुत सारे सुरक्षाकर्मियों को भर्ती करती है। जिनमें से सुरक्षा गार्ड भी एक है। सुरक्षा गार्ड को रेलवे की प्रॉपर्टी संभालने का ही काम दिया जाता है। वह दिन रात एक करके रेलवे की सभी चीजों को बहुत ही संभाल कर रखते हैं और सामान्य लोगों से उन्हें बचाने में बहुत ज्यादा उपयोगी साबित होते हैं। रेलवे अपने यार्ड वह उपकरण रखी हुई जगहों पर ताला मार कर सुरक्षाकर्मी वहां पर तैनात करते हैं ताकि चोरी जैसी वारदातों को होने से रोका जा सके।

4. लोहे की पहचान:

दोस्तों रेलवे की पटरियों में उपयोग होने वाला लोहा एक विशेष किस्म का होता है और वह हर जगह उपलब्ध नहीं होता। रेलवे अपने लोहे की पहचान अलग से ही करती है। वह लोहा कुछ विशेष गुणवत्ता वाला और कुछ मानकों पर खरा उतरने वाला लोहा होता है जो कि आमतौर पर हर जगह उपलब्ध नहीं हो सकता। अगर मान और चोर ने रेलवे की पटरी को चुरा भी लिया तो भी वह उसको बेच नहीं पाएगा क्योंकि उसको वह जहां भी बेचना चाहेगा वही सामने वाले व्यक्ति को पता लग जाएगा।

5. Written Certified Category:

दोस्तों रेलवे में उपयोग होने वाले लोहे के ऊपर सर्टिफाइड मार्क्स होते हैं जो कि हर किसी लोहे के ऊपर उपलब्ध नहीं हो सकते और हर एक व्यक्ति को नहीं खरीद या बेच नहीं सकता। जहां से रेलवे के लोहे की खरीद होती है वहीं पर उसको सर्टिफाइड निशान दिए जाते हैं और उनके ऊपर अच्छे से लिखा जाता है जिससे कि पता चलता है वह रेलवे की प्रॉपर्टी हो चुकी है और उस सर्टिफिकेट चीज को बाजार में खुले में बेच पाना लगभग नामुमकिन सा है।

6. अनुशासनात्मक दण्ड:

दोस्तों अगर कोई रेलवे की किसी भी प्रॉपर्टी को चुराता है चाहे वह रेलवे की पटरी हो या फिर अन्य कोई उपकरण हो। उस व्यक्ति के लिए हमेशा अनुशासनात्मक कार्यवाही अमल में लाई जाती है और उसको देखकर भी चोर काफी डरता है। क्योंकि जब भी रेलवे की कोई भी चीज चोरी होती है तो उसको सबसे पहले पटल पर रखकर संज्ञान में लिया जाता है और बहुत ही जल्दी से उस चीज का समाधान किया जाता है। जिससे चोर डरता है कि उसके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी और वह फस जाएगा।

7. Vigilance and Security Check:

दोस्तों समय-समय पर रेलवे अपने द्वारा खरीदे हुए सामान की जांच करता रहता है उनकी खरीदी हुई पटरियों की गिनती करता रहता है और उन्हें संभालता रहता है। अन्य उपकरणों की भी जांच होती रहती है जिससे कि उनके ऊपर पूरी तरह से विजिलेंस बना रहता है और किसी भी चीज के घटने की सूरत में उस चीज को ढूंढने में जी जान लगा दिया जाता है और उस व्यक्ति को पकड़ लिया जाता है जिसने उस चीज की चोरी की हो।

8. सार्वजनिक सहयात्रा(public hitchhiking):

दोस्तों रेलवे की पटरिया सभी लोगों के लिए महत्वपूर्ण होती है यह सार्वजनिक प्रॉपर्टी होती है। इसमें हर एक व्यक्ति का हित जुड़ा हुआ होता है जिससे कि हर व्यक्ति का फर्ज बनता है कि उनकी संभाल रखे ऐसे में एजेंसियां तुरंत सतर्क हो जाती है जैसे ही कोई व्यक्ति उनको सूचित करता है। जैसा कि आपको पता है रेलवे की पटरी हो के आसपास हमेशा लोग घूमते रहते हैं चाहे वह कहीं स्टेशन से आ रहे हो या जा रहे हो ऐसी स्थिति में चोरी कर पाना बहुत ही मुश्किल काम है क्योंकि अगर किसी ने गलती से भी रेलवे को सूचित कर दिया तो बाद में उस व्यक्ति को बहुत ही दिक्कत का सामना करना पड़ेगा।

हम तुम्हें दोस्तों यही कहना चाहूंगी कि रेलवे की परियों की चोरी करना लगभग असंभव सा है। रेलवे की सुरक्षा प्रणाली, निर्माण मानकों का पालन और सुरक्षा एजेंसियों का सहयोग चोरी की गतिविधियों को रोकते हैं और रेलवे पटरी की सुरक्षा को सुनिश्चित करते हैं। दोस्तों हमारा भी फर्ज बनता है अगर आपको अपने आसपास कभी भी ऐसा होता दिखाई पड़े तो आपको तुरंत ही रेलवे स्टाफ को सूचित करना है जिससे कि हमारी प्रॉपर्टी safe रहे।

दोस्तों उम्मीद करती हूं आज की जानकारी आपको पसंद आई होगी ऐसी ही ज्ञानवर्धक और महत्वपूर्ण जानकारी पढ़ने के लिए आप हमारी website पर आए।

एक टिप्पणी भेजें

Thanks for writing back

और नया पुराने