क्या श्री राम ने लक्ष्मण को रावण से ज्ञान प्राप्त करने की सलाह दी थी?

हैलो दोस्तों कैसे हैं आप! उम्मीद करती हूं आप सब अच्छे
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मैं हूं आपकी दोस्त अंशिका डाबोदिया।


तो आज मैं आपके लिए लेकर आई हूं एक खास topic जिसके बारे में आप शायद ही जानते होंगे!

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आज मैं आपको वह तीन बातें बताने जा रही हूं जो रावण ने लक्ष्मण को मरते समय बताई थी।

ये बातें आपके भी बहुत काम आने वाली इस लिए पोस्ट में अंत तक बने रहे ।


दोस्तों जब भी कभी अहंकार या घमंड की बात आती है तो रावण का उदाहरण दिया जाता है।

यह जरूर सत्य है कि रावण एक असुर था लेकिन यह भी सच है कि रावण जैसा बुद्धिमान और ज्ञानी व्यक्ति आज से पहले ना कभी हुआ था और ना ही होगा।

रावण बुद्धिमान और ज्ञानी था इसीलिए भगवान श्री राम के छोटे भाई लक्ष्मण को भी उनसे ज्ञान लेना पड़ा।

मरते समय रावण ने लक्ष्मण से तीन मुख्य बातें कही थी।

आइए उन तीन बातों को जानते हैं:-

रामायण के प्रमुख पात्रों में रावण भी एक मुख्य पात्र है।
रामायण में रावण को एक खलनायक बताया गया है परंतु रावण में कुछ अच्छे गुण भी थे।


वह एक कुशल राजनीतिज्ञ था, महाबलशाली, महापराक्रमी, अनेकों शास्त्रों का ज्ञाता, प्रकांड विद्वान, पंडित एवं महान ज्ञानी भी था।


दोस्तों जिस समय रावण अपनी आखिरी सांसे ले रहा था उस समय श्री राम ने लक्ष्मण से कहा तुम रावण के पास जाओ और उस से ज्ञान लो।


यह सुनकर लक्ष्मण जी हैरान हो गए कि श्री राम उन्हें अपने सबसे बड़े शत्रु से ज्ञान लेने की बात कह रहे हैं?


तब श्री राम ने लक्ष्मण जी को समझाया कि संसार से नीति, राजनीति व शक्ति का महान ज्ञाता संसार से विदा ले रहा है।

तुम उनके पास जाओ और उनसे उनके जीवन की कुछ ऐसी शिक्षा लो जो तुम्हें इस संसार में कोई नहीं दे सकता।

दोस्तों हमें यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि जिसे सारा संसार राक्षस के रूप में जानता है वह एक महान पंडित था।

उसके तन में जो कठोरता थी, जो अग्नि थी। वह शक्ति शायद ही उस काल के किसी पंडित में होगी।

कठोर तपस्या के मार्ग से ही रावण ने भगवान शिव को प्रसन्न किया।  

शायद ही यह बात किसी को पता होगी कि रावण के पिता एक ऋषि थे और उनकी माता एक असुरी कन्या थी।

रावण की माता असुरी होने के कारण रावण में असुरों के गुण आ गए


लेकिन पिता से मिला तपस्या का गुण ही उसके लिए सर्वश्रेष्ठ साबित हुआ।

रामायण में राम और रावण के बीच हुए युद्ध को सत्य एवं असत्य का संघर्ष माना जाता है।


दोस्तों इस युद्ध में बेशक रावण की हार हुई हो लेकिन रावण ने मरते समय लक्ष्मण को लोक व्यवहार और नीति की कई बातें बताई।


रावण ने भले ही अधर्म के मार्ग को चुना लेकिन उसके अत्यंत विद्वान, पराक्रमी, कूटनीति और आतंक की वजह से सभी रावण से भय  खाते थे। 


दोस्तों उस समय के बड़े-बड़े महारथी उससे कांपते थे।

जब श्री राम ने लक्ष्मण को रावण के पास जाने के लिए कहा तब भले ही लक्ष्मण रावण के पास गए किंतु वह रावण के सिरहाने खड़े हो गए तब रावण ने लक्ष्मण को कुछ नहीं कहा।

तब फिर से राम ने लक्ष्मण से कहा कि तुम्हें इन से ज्ञान प्राप्त करना है इसलिए इनके चरणों की तरफ खड़े हो जाओ।


तब श्रीराम ने कहा ज्ञान लेने के लिए सिरहाने की तरफ नहीं पैरों की तरफ होना चाहिए तब लक्ष्मण रावण के पैरों की तरफ गए और रावण ने उसे तीन बातें बताई जो आज तक लोगों के काम आती हैं।


दोस्तों नम्बर 1. रावण ने कहा कि शुभ काम को करने के लिए कभी भी इंतजार नहीं करना चाहिए उसे शीघ्र ही पूरा करना चाहिए।


इस प्रकार रावण ने लक्ष्मण को बताया कि उसके भी बहुत से ऐसे शुभ कार्य थे जो वह करना चाहता था। लेकिन किसी ना किसी कार्य और आलस की वजह से वह आज तक उन्हें पूरा नहीं कर पाया। 


नम्बर  2. दूसरी बात अपने प्रतिद्वंदी या शत्रु को कभी कमजोर मत समझो रावण ने वानरो की सेना और दो तपस्वियों राम और लक्ष्मण को कमजोर समझा जिसका परिणाम आज उसे प्राप्त हुआ।


नम्बर 3. अंतिम बात रावण ने लक्ष्मण को यह बताएं कि अगर आपका कोई रहस्य है। तो आप उसे अपने तक ही सीमित रखें अगर वह रहस्य प्रकट हो गया तो उसका उसके जीवन पर बुरा प्रभाव होगा।


रावण की नाभि में अमृत कुंड का रहस्य खुलने के बाद ही उसकी मृत्यु हुई ।                                                       

ये बातें पहले ही नहीं आज भी सत्य साबित हुई हैं और आने वाले युगों में साबित होती रहेंगी।


दोस्तों हर व्यक्ति को अपने जीवन में इन बातों का ध्यान रखना चाहिए। अगर आप सही मायने में इन बातों का समझदारी से ध्यान करके चलते हैं तो यकीन मानिए आपको अपनी जिंदगी में कभी भी निराशा का सामना नहीं करना पड़ेगा।

तो यह रावण के द्वारा बताई हुई तीन बातों से आपको बहुत कुछ सिखने को मिला होगा।

Conclusion:

जी बिल्कुल। श्रीराम जी ने लक्ष्मण जी को रावण से ज्ञान प्राप्त करने की सलाह दी थी। यकीनन रामायण में रावण को एक खलनायक बताया गया है परंतु रावण में कुछ अच्छे गुण भी थे।


ऐसी ही धार्मिक बातों के साथ हम इस लेख को समाप्त करते है। अगर आप ऐसी ही जानकारियां प्राप्त करना चाहते हैं और अपने जीवन को बदलना या सुधारना चाहते हैं तो आप हमारी Website पर आएं और अपना अनुभव हमारे साथ शेयर करें।

                     धन्यवाद।

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