धर्म और मजहब में क्या अंतर है? भारत के संविधान के अनुसार भारत के नागरिकों को अपना धर्म पालन करने की स्वतंत्रता है या मजहब पालन करने की स्वतंत्रता है?

आज मैं आपके लिए लेकर आई हूं एक खास जानकारी जो
आपके लिए है बेहद जरूरी और इंटरेस्टिंग!

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दोस्तों आज मैं आपको बताने वाली हूं कि धर्म और मजहब में क्या अंतर है? भारत के संविधान के अनुसार भारत के नागरिकों को अपना धर्म पालन करने की स्वतंत्रता है या मजहब पालन करने की स्वतंत्रता है?

दोस्तों कुछ लोगों का मानना है कि धर्म और मजहब एक है परंतु धर्म और मजहब अलग अलग होते हैं।

धर्म मनुष्य को मनुष्य बनाता है और यह मनुष्य को सदाचारी बनाता है।

धर्म क्या है(What is religion in hindi)?

दोस्तों धर्म का शाब्दिक अर्थ होता है धारण करने योग्य। वैसे तो दोस्तों धर्म के बहुत सारे अर्थ माने जाते हैं जैसे- अहिंसा, धैर्य, न्याय और सद्गुण आदि।

धर्म कई प्रकार के होते हैं उनमें से कुछ मुख्य धर्म-
जैन, बौद्ध, इस्लाम, हिंदू, सिख पंथ इत्यादि।
दोस्तों सभी व्यक्तियों का अपना एक धर्म होता है।

अगर आपमें यह सभी गुण हैं तो आप धर्म के मार्ग पर चल रहे हैं।
धर्म के 10 लक्षण बताए गए हैं।

धैर्य, क्षमा, मन को नियंत्रण में रखना, चोरी न करना, बाहर और अंदर शुचिता रखना, इंद्रियों को सत्कर्मों में लगाना, सत्कर्मों से बुद्धि का विस्तार करना, तत्वज्ञान लेना, सत्य का आचरण करना, क्रोधित न होकर शांत रहना ।

धर्म का आधार ईश्वर होता है। धर्म उस ज्ञान का नाम है जिसे मनुष्यों और सभी प्राणियों के कल्याण के लिए इस सृष्टि को प्रदान किया है। धर्म मनुष्य को ईश्वर प्राप्ति करने में सहायता करता है।

कहा जाता है कि जिस मनुष्य में मनुष्यता नहीं होती वह पशु के समान होता है क्योंकि खाना, पीना, सोना और संतान उत्पन्न करना यह सभी कार्य पशु और मनुष्य के समान ही होते हैं। 

मनुष्य में एक ही विशेषता है जो उसे पशुओं से अलग बनाती है वह है मानवता। धर्म का पालन करके ही मनुष्य स्वर्ग के दरवाजे तक पहुंच सकता है।

महजब क्या है(What is cult)?

मजहब का आधार मनुष्य है जिसे मनुष्यों ने समय-समय पर आवश्यकताओं को पूर्ण करने के लिए स्वीकार किया है और पुनः स्वार्थ सिद्धि के लिए उसका विस्तार किया है।

धर्म में दिखावा करने की कोई आवश्यकता नहीं होती ना ही इसके लिए कोई बहारी चिन्ह का प्रयोग किया जाता है। लेकिन मजहब में बहारी चिन्हों का प्रयोग किया जाता है। जैसे- दाढ़ी रखना और जालीदार टोपी पहनना आदि अनिवार्य है।

सनातन धर्म है बाकी सभी मजहब है। अगर आप समझेंगे कि धर्म क्या होता है और मजहब क्या होता है तब आपके दिमाग से सभी संकाये धीरे-धीरे दूर हो जाएगी।

धर्म का मतलब पूजा, मंदिर में जाना नहीं होता। धर्म विज्ञान को कहते हैं। धर्म की पूरी संस्कृति प्रकृति का हिस्सा है। आप पानी को पूजते हैं गंगा को नदी न मानकर सभी हिंदू गंगा को मां कहते हैं। धर्म में सूर्य नमस्कार, पेड़ों की पूजा करना, नदियों की पूजा करना, पर्वतों को पूजा करना आदि सभी प्राकृतिक चीजों को महत्व देते हैं।

मजहब पैदा होते हैं और धर्म पैदा नहीं हो सकता। धर्म अनादि काल तक चलता है। मजहब में बहुत सारे नियम होते हैं जबकि धर्म में कोई नियम नहीं होता आप जिस प्रकार चाहे उस प्रकार भगवान को खुश कर सकते हैं।

भारत के संविधान के अनुसार, "भारत के नागरिकों को अपना धर्म पालन करने की स्वतंत्रता है।" भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है इस राष्ट्र में सभी नागरिकों को स्वतंत्रता पूर्वक  मजहब पालन करने की भी स्वतंत्रता है।

सभी धर्मों के पूजा पाठ के तरीके एक दूसरे से अलग अलग होते हैं। कोई भगवान को अल्लाह कहता है कोई खुदा और भी बहुत सारे रूपों में भगवान को देखा जाता है।

दोस्तों सभी अपने अपने धर्मों को सर्वश्रेष्ठ मानते हैं तथा दूसरे के धर्म को अच्छा नहीं मानते हैं। सभी ईश्वर को पाने की चाह में अनेकों प्रयास करते हैं।

साधारण भाषा में मैं आपको बताऊं तो धर्म मनुष्य कमियों को दूर करके एक अच्छा इंसान बनाता है तथा भगवान के पास जाने का मार्ग आसान करता है। दूसरी तरफ से मजहब लोगों के कल्याण के लिए कार्य करती है।

भारतीय संविधान में धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार अनुच्छेद 25 से 28 तक है। दोस्तों भारतीय संविधान में सभी व्यक्तियों को स्वतंत्र रूप से अपने धर्म का पालन करने की पूरी स्वतंत्रता है। भारतीय संविधान के अनुसार कोई व्यक्ति किसी भी धर्म को अपने हिसाब से अपना सकता है और किसी के ऊपर भी कोई भी धर्म थोपा नहीं जाएगा।

अगर धार्मिक परिवर्तन जबरन पाया जाता है तो उस दशा में कोर्ट उस व्यक्ति पर केस कर सकता है और उस व्यक्ति को सजा दे सकता है जिस व्यक्ति ने जबरन वह धर्म परिवर्तन करवाया है।

Conclusion:

धर्म किसी खास शक्ति को दर्शाता है व धर्म में सभी लोग अटूट विश्वास करते हैं जबकि महजब अनेकों प्रकार के हो सकते हैं। भारतीय नागरिकों को अपने हिसाब से किसी भी धर्म या मजहब को चुनने की आजादी है।

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आज की पोस्ट में बस इतना ही मिलते हैं एक और नई और रोचक पोस्ट के साथ है तब तक अपना और अपने परिवार का ख्याल रखें अपने चारों तरफ सफाई बनाए रखें धन्यवाद।

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